AGRA THE CITY OF (TAJ ) इतिहास ए आगरा




आगरा मेरा  शहर

आगरा  उत्तरी भारत उत्तर प्रदेश, भारत में यमुना नदी के तट पर एक शहर है। यह राज्य की राजधानी लखनऊ के 378 किलोमीटर पश्चिम में है,राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से 206 किमी दक्षिण में, मथुरा से 58 किलोमीटर दक्षिण और ग्वालियर से 125 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।

आगरा उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक आबादी वाले शहरों में से एक है और भारत में 24 वां आबादी वाला शहर है।

आम तौर पर यह स्वीकार किया जाता है कि आगरा महाभारत के समय से एक प्राचीन शहर था और फिर भी दिल्ली सल्तनत के मुस्लिम शासक सुल्तान सिकंदर लोदी



 ने 1504 में आगरा की स्थापना की। सुल्तान की मृत्यु के बाद, शहर अपने बेटे सुल्तान इब्राहिम लोदी को पास कर दिया। उन्होंने आगरा से अपने सुल्तानत पर शासन किया जब तक वह 1526 में लनीपत की पहली लड़ाई में मुगल बदशा (सम्राट) बाबर से लड़ने तक गिर गए।

मुगलों के साथ शहर की सुनहरी उम्र शुरू हुई। इसे अकबरबाद के रूप में जाना जाता था और बादशाह (सम्राट) अकबर, जहांगीर और शाहजहां के तहत मुगल साम्राज्य की राजधानी बना रहा। अकबर ने इसे अपने मूल बारह उपहास (शाही शीर्ष-स्तर के प्रांतों), सीमावर्ती (पुरानी) दिल्ली, अवध (औध), इलाहाबाद, मालवा और अजमेर सुहाहों में से एक का नामित सीट बना दिया। शाहजहां ने बाद में 164 9 में अपनी राजधानी शाहजानाबाद में स्थानांतरित कर दी।


चूंकि अकबरबाद मुगलों के तहत भारत के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक था, इसलिए इसमें बहुत सारी इमारत गतिविधि देखी गई। मुगल राजवंश के संस्थापक बाबर ने यमुना नदी के तट पर पहला औपचारिक फारसी उद्यान रखा। बगीचे को अराम बाघ या आराम का बाग कहा जाता है। उनके पोते अकबर द ग्रेट ने महान लाल किले के विशाल किनारे उठाए, आगरा को सीखने, कला, वाणिज्य और धर्म के लिए केंद्र बनाने के अलावा। अकबर ने फतेहपुर सिक्री नामक अकबरबाद के बाहरी इलाके में एक नया शहर भी बनाया। यह शहर पत्थर में एक मुगल सैन्य शिविर के रूप में बनाया गया था।
उनके बेटे जहांगीर को वनस्पतियों और जीवों का प्यार था और लाल किले या लाल क़िल के अंदर कई बगीचे रखे थे। शाहजहां, वास्तुकला में उनकी गहरी रूचि के लिए जाने जाते हैं, ने अकबरबाद को सबसे अधिक मूल्यवान स्मारक, ताज महल दिया। अपनी पत्नी मुमताज महल की प्रेमपूर्ण स्मृति में निर्मित, मकबरा 1653 में पूरा हो गया था।


बाद में शाहजहां ने राजधानी को अपने शासनकाल के दौरान दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया, लेकिन उनके बेटे औरंगजेब ने राजधानी को अकबरबाद में वापस ले जाया, अपने पिता को उतार दिया और उन्हें किले में कैद कर दिया। औरंगाजेब के शासनकाल के दौरान अकबरबाद भारत की राजधानी बने रहे जब तक कि वह इसे 1653 में दक्कन में औरंगाबाद में स्थानांतरित नहीं कर लेते।


मुगल साम्राज्य के पतन के बाद, शहर मराठों के प्रभाव में आया और 1803 में ब्रिटिश राज के हाथों गिरने से पहले आगरा कहा जाता था।


1835 में जब अंग्रेजों द्वारा आगरा की प्रेसीडेंसी की स्थापना हुई, तो शहर सरकार की सीट बन गई, और केवल दो साल बाद यह 1837-38 के आगरा अकाल का साक्षी था। 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान पूरे भारत में ब्रिटिश शासन को धमकी दी गई थी, विद्रोह की खबर 11 मई को आगरा पहुंची थी और 30 मई को मूल पैदल सेना, 44 वें और 67 वें रेजिमेंट की दो कंपनियों ने विद्रोह किया और दिल्ली चले गए।

 आगरा में अगली सुबह देशी भारतीय सैनिकों को 15 जून को ग्वालियर (जो आगरा के दक्षिण में स्थित है) पर विद्रोह करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 3 जुलाई तक, अंग्रेजों को किले में वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। 

दो दिन बाद सुचेता में एक छोटी ब्रिटिश सेना को पराजित कर दिया गया और उसे वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया गया, जिससे शहर को बर्बाद कर दिया गया। हालांकि, विद्रोही दिल्ली चले गए जिसने अंग्रेजों को 8 जुलाई तक आदेश बहाल करने की अनुमति दी। 

दिल्ली सितंबर में अंग्रेजों के लिए गिर गया, अगले महीने विद्रोही जो दिल्ली से भाग गए थे, मध्य भारत से विद्रोहियों के साथ आगरा पर चढ़ गए लेकिन पराजित हुए। 1 9 47 में भारत की आजादी तक इस ब्रिटिश शासन को फिर से शहर में सुरक्षित कर लिया गया था।


आगरा धर्म का जन्मस्थान है जिसे दीन-ए इलाही कहा जाता है, जो अकबर के शासनकाल और राधास्वामी विश्वास के दौरान विकसित हुआ, जिसमें दुनिया भर में लगभग दो लाख अनुयायी हैं। आगरा के पास जैन धर्म के शौरीपुर और 1000 ईसा पूर्व हिंदू धर्म के रनुका के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं।

आगरा मे कुछ पर्यटन स्थल 

आगरा” का नाम सुनते ही सबसे पहले ताजमहल याद आता है। यही वजह है कि आगरा को ताजमहल का शहर भी कहा जाता है। आगरा भारत के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के तट पर बसा एक शहर है। आगरा भारत में विश्व के सात अजूबों में से एक ताजमहल की मेजबानी करता है और ये हमारे देश भारत के लिए गौरव की बात है। लेकिन आगरा में केवल ये ही एक चीज देखने लायक नहीं है, बल्कि कई ऐसी जगहें हैं, जो आगरा को भारत का खूबसूरत पर्यटन स्थल बनाती हैं। खास बात तो यह है कि आगरा में दुनिया के 50 सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में तीन ताजमहल, आगरा किला और 

फतेहपुर सीकरी

The buland darwaja

यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल हैं।

 Agra ke ye bazar appka dill jeet lenge 

आगरा पर अकबर की हुकुमत थी तब, मुगल बादशाह अकबर ने फतेहपुर सीकरी का निर्माण करवाया था जोकि 15 वर्षों तक उसकी राजधानी रही थी। आगरा शहर के लिए ये सुनहरा दौर था। इसे अकबराबाद के नाम से भी जाना जाता था। इसके बाद जहांगीर और फिर शाहजहां का शासन रहा।


ताज महल 



रबींद्रनाथ टैगोर के अनुसार ताज महल एक ऐसी इमारत है जिसे शाहजहां ने अपनी पत्‍नी मुमताज महल की मृत्‍यु के शोक में बनवाया था। 1632 ईस्‍वीं में इस इमारत का निर्माण शुरु हुआ था और ये 1648 ईस्‍वीं में बनकर तैयार हुई थी। माना जाता है कि इस इमारत को बनाने में रोज़ 20000 मज़दूर काम करते थे और इसे बनने में पूरे 17 साल का समय लगा।

सफेद संगमरमर से बने ताज महल को यूनेस्‍को द्वारा विश्‍व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है। ताज महल को प्रेम का प्रतीक कहा जाता है। दुनियाभर से पर्यटक इसे देखने के लिए आगरा आते हैं।


आगरे का किला



आगरे के किले को लाल किला, फोर्ट रोज और आगरे का लाल किला भी कहा जाता है। इसे 1654 में अकबर ने बनवाया था। यह एक सैन्य चौकी थी लेकिन यहां पर शाही लोग भी रहा करते थे। ये किला पूरी तरह से लाल बलुआ पत्‍थर से बनाया गया है और यह 1573 ईस्‍वीं में बनकर तैयार हुआ था।

इस किले में कुछ खूबसूरत स्‍थापत्‍य कला के आकर्षण मौजूद हैं जैसे शीशे से बनी दीवार शीश महल, शाही बगीचा अंगूरी बाग, राज दरबार की महिलाओं के लिए बनी नगीना मस्जिद आदि


जामा मस्जिद

ये भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। आगरे के किले के बिलकुल विपरीत में स्थित है जामा मस्जिद। इसे 1648 में शाहजहां द्वारा अपनी बेटी जहांनारा बेगम के लिए बनवाया गया था। औरंगजेब द्वारा शाहजहां को कैद करने के दौरान जहांनारा ने ही उनकी देखभाल की थी।


खास महल


आगरा के किले में स्थित है खास महल और आगरा आने वाले पर्यटकों को ये जगह जरूर देखनी चाहिए। इसे शाहजहां द्वारा अपनी बेटियों जहांआरा और रोशनआरा के लिए बनवाया गया था। सफेद संगमरमर से बने इस खूबसूरत महल के एक ओर अंगूरी बाग तो दूसरी ओर बहती हुई नदी है।

महल की छत पर बड़े पैमाने पर भित्ति चित्र और नक्काशी की गई है। महल को पेंट करने के लिए सोने और नीले रंग के शाही रंगों का उपयोग किया गया है।

चीनी का राउजा

इसका निर्माण शाहजहां के राज दरबार के प्रधानमंत्री और अल्‍लामी के महान कवि मौलाना शुक्ररल्‍लाह शिराजी द्वारा करवाया गया था। उन्‍हें स्‍वयं के मकबरे का निर्माण करवाने का शौक था और इसलिए उन्‍होंने 1635 में चीनी का राउजा का निर्माण करवाया।

इसे चीन का किला भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री ने इस इमारत के निर्माण के लिए चमकीला टाइलों को चुना था। इस मकबरे की वास्तुकला को अपरंपरागत माना जाता है क्योंकि इसमें एक अप्राकृतिक गुंबद है

पंच महल

फतेहपुर सीकरी के पश्चिमी छोर पर स्थित पांच मंजिला इमारत है पंच महल। इस महल को अकबर की रानियों के लिए बनवाया गया था। यहां से वो ठंडी हवा का मज़ा लेती थीं।

मुगल परिवार की महिलाओं के लिए इसमें 176 खंभे भी लगाए गए थे ताकि वे बाहर के खूबसूरत नज़ारे और ठंडी हवा का लुत्‍फ उठा सकें। ये पूरी इमारत हवादार है और गर्मी के मौसम में आगरा के इस महल का मज़ा ही कुछ और है। कहा जाता है कि इस महल के आंगन में अकबर लड़कियों का नृत्‍य देखते हुए चेकर बोर्ड खेलते थे।

सुर सरोवर

आगरा का ये छोटा सा अभ्‍यारण्‍य उत्तर प्रदेश के पक्षी अभ्‍यारण्‍यों में बहुत खास है। इसमें कीथम झील का मीठा पानी भी है।

सुर सरोवर का यह नाम मशहूर हिंदी कवि सूरदास के नाम पर रखा गया है। उनका जन्‍म इसी क्षेत्र के आसपास हुआ था एवं इसे 1991 में अभ्‍यारण्‍य घोषित किया गया था। इस अभ्‍यारण्‍य के परिसर में आपको स्‍लोथ बीयर भी देखने को मिलेंगें। अभ्‍यारण्‍य की झील में आप बोटिंग का मज़ा भी ले सकते हैं।

जहांगीर पैलेस

आगरा के किले का विशाल हिस्‍सा है जहांगीर पैलेस। अकबर ने इस महल को अपने बेटे जहांगीर के लिए बनवाया था। जहांगीर की पत्‍नी नूर जहां इस महल में रहा करती थीं। ये महल मुगल स्‍थापत्‍यकला का खूबसूरत उदाहरण है। लाल रंग के बलुआ पत्‍थरों से बने इस जहांगीर महल पर हिंदू और इस्‍लामकि शैली में चित्र बनाए गए हैं।जहांगीर के बेटे शाहजहां ने इस किले के अधिकांश भाग को बर्बाद कर दिया था। इस महल के सभी हिस्‍सों में से हौज-ई-जहांगीरी सबसे ज्‍यादा बेहतर स्थित में है। इसे पानी एकत्रित करने के लिए एक ही पत्‍थर से बनाया गया है।

अंगूरी बाग

1637 में अंगूरी बाग को शाहजहां द्वारा बनवाया गया था। अंगूरी बाग का मतलब है अंगूरों का बाग। यह बाग खास महल और लाल बलुआ पत्‍थर की दीवारों से घिरा हुआ। अंगूरी बाग में मुख्‍य रूप से रानियां रहा करती थीं।

यह बगीचा सालभर में रसदार और रसीले अंगूरों और फूलों की फसल के लिए प्रसिद्ध था। इस बाग के साथ ही शाही महिलाओं के लिए हमाम यानि नहाने का स्‍थान बनाया गया था। जहांगीर महल के पास स्थित कई टैंकों से इस बाग में पानी की आपूर्ति की जाती थी।

मोती मस्जिद

मोती मस्जिद को भीतर से सफेद संगमरमर और बाहर से लाल बलुआ पत्‍थरों से बनाया गया है। इस मस्जिद के बाहर सूर्य घड़ी स्थित है। मस्जिद की पूर्वोत्तर की ओर विशाल और मुख्‍य प्रवेश द्वार है।

मुख्‍य प्रार्थना कक्ष के एक ओर महिलाओं के लिए अलग से प्रार्थना कक्ष बनाया गया है। मुख्य प्रार्थना कक्ष में तीन घुमावदार गुंबदों का मुकुट है।

एत्मा- उद- दौला

 मुगल बादशाह अकबर के बेटे जहांगीर ने अपनी बेगम नूरजहां के पिता मिर्जा गियास बेग को एतमादुद दौला का खिताब दिया था। एतमादुद दौला और उनकी पत्नी अस्मत जहां का यह मकबरा 1622 से 1628 के बीच उनकी बेटी नूरजहां ने बनवाया था।  इस मकबरे की भव्यता और महिमा को देखकर ऐसा लगता है कि यह ताजमहल की पूर्ववर्ती रचना या ड्राफ्ट हो। इसी कारण इसे बेबी ताज और ज्वेल बॉक्स भी कहा जाता है।

23 स्क्वायर मीटर में फला यह मकबरा यमुना नदी के पूर्वी किनारे पर बना है। एनएच-2 पर स्थित राम बाग सर्किल से यह सिर्फ दो किमी दूर है।  इस मकबरे का निर्माण चार बाग नाम से चर्चित पर्सियन गार्डन के बीच में लाल पत्थर के स्तंभ पर किया गया है। इस गार्डन में छिछले पानी की आड़ी-तिरछी कई धाराएं बहती है, जो न सिर्फ गार्डन को चार भागों में बांटती है, बल्कि इसके सौंदर्य में बढ़ोत्तरी भी करती है।








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